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Showing posts from May, 2020

Samrat Kabir parmeshwar

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शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी' शेखतकी ने ईष्या वश  कबीर साहेब को मारने के लिए 52 प्रकार से हत्या करने का षड्यंत्र रचा । जिसे बावन कसनी कहते हैं। वह हर बार असफल रहा ।क्योंकि अविनाशी का नाश करने में कोई सक्षम नहीं। यदि आम संत होते तो मारे जाते। कबीर साहिब पूर्णब्रह्म है, सर्वशक्तिमान परमात्मा है। उनका एक तत्व का नूरी अमर शरीर है। सृष्टि के रचनहार है।    मृत गाय को जीवित करने की परीक्षा -     एक बार दिल्ली के राजा सिकंदर लोदी ने एक गर्भवती गाय को तलवार से काट दिया । तब राजा ने कहा  की कबीर, यदि तू खुदा है तो इस गाय को जीवित कर दे। साहेब कबीर ने उसी समय आशीर्वाद देकर  मरी गाय को जीवित कर दिया तथा दूध की बाल्टी भर दी और कहा -  ़      गऊअपनी अम्मा है इस पर छुरी  न बाह।  गरीबदास घी  दूध को, सब ही आत्म खाह।।   👉अधिक जानकारी के लिए देखें हमारी इस वेबसाइट को👇👇👇👇 www.jagatgururampalji.org

creator of universe

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कबीर परमेश्वर चारों युगों में प्रकट होते हैं तथा अपने सत्य ज्ञान का प्रचार करते हैं सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट होते हैं और द्वापर युग में करुणामई नाम से प्रकट होते हैं त्रेता युग में मुनींद्र नाम से प्रकट होते हैं तथा कलयुग में वास्तविक नाम  कबीर प्रभु के नाम से प्रकट होते हैं। आज इस वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज कबीर साहेब के रूप में प्रकट हो चुके हैं वेदों अनुसार सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा हैं।  सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा पवित्र बाइबल में उत्पत्ति ग्रंथ में पृष्ठ नं 2 अध्याय 1:20 व 2:5 में परमेश्वर ने कहा कि हम मनुष्य को अपने स्वरुप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं।तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरुप के अनुसार उत्पन्न किया। सृष्टिरचयिता_कबीरपरमेश्वर  अधिक जानकारी के लिए देखें  इस वेबसाइट को 👇👇👇👇 http://www.jagatgururampalji.org

प्राकृतिक आपदा

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प्राकृतिक आपदा - प्राकृतिक आपदा का अर्थ है-                  विपत्ति, मुसीबत या कठिनाई। आपदा को अंग्रेजी में डिजास्टर कहते हैं। डिजास्टर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। डेस अर्थात बुरा या अशुभ और ऐस्ट्रो का मतलब स्टार या नक्षत्र। पुराने जमाने में किसी विपत्ति, मुसीबत और कष्ट का कारण बुरा नक्षत्रों का प्रकोप माना जाता था। प्राकृतिक आपदा क्या है...? एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम का परिणाम है जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। प्राकृतिक आपदाएं के प्रकार - आपदाएं मानव निर्मित या प्राकृतिक तबाही है जो पर्यावरण और मानव जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाती है। आपदाएँ दो प्रकार की होती हैं और वे प्राकृतिक और मानव निर्मित होती हैं। प्राकृतिक आपदा के कुछ उदाहरण हैं: भूस्खलन, सुनामी, चक्रवात, बवंडर, भूकंप आदि। प्राकृतिक आपदाओं के कारण- 1.जंगलो में आग 2.आंधी 3.बाढ़ और मूसलाधार 4...

प्राकृतिक आपदा

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आपदा का अर्थ है-                  विपत्ति, मुसीबत या कठिनाई। आपदा को अंग्रेजी में डिजास्टर कहते हैं। डिजास्टर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। डेस अर्थात बुरा या अशुभ और ऐस्ट्रो का मतलब स्टार या नक्षत्र। पुराने जमाने में किसी विपत्ति, मुसीबत और कष्ट का कारण बुरा नक्षत्रों का प्रकोप माना जाता था। प्राकृतिक आपदा क्या है...? एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम का परिणाम है जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। प्राकृतिक आपदाएं के प्रकार - आपदाएं मानव निर्मित या प्राकृतिक तबाही है जो पर्यावरण और मानव जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाती है। आपदाएँ दो प्रकार की होती हैं और वे प्राकृतिक और मानव निर्मित होती हैं। प्राकृतिक आपदा के कुछ उदाहरण हैं: भूस्खलन, सुनामी, चक्रवात, बवंडर, भूकंप आदि। प्राकृतिक आपदाओं के कारण- 1.जंगलो में आग 2.आंधी 3.बाढ़ और मूसलाधार 4.बा...

पर्यावरण प्रदूषण

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                            पर्यावरण प्रदूषण   प्रस्तावना- पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है |धरती के प्राणियों एवं वनस्पतियों को स्वस्थ व जीवित रहने के लिए हमारे पर्यावरण का स्वच्छ रहना अति आवश्यक है ,किन्तु मानव द्वारा स्वार्थ सिद्धि हेतु प्रकृति का इस प्रकार से दोहन किया जा रहा है कि हमारा पर्यावरण दूषित हो चला है  और आज पर्यावरण प्रदूषण भारत ही नही ,बल्कि विश्व की एक गंभीर समस्या बन गई है | प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-गंदगी । वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई है और जिसकी गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी हैं प्रदूषण को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण । ये तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण के कारण  वाहनों के परिवहन की वजह से शहरों में प्रदूषण की दर गांवों की तुलना में अधिक है। वाहनो, फैक्टरियों और उद्योगो से निकलने वाले धुएं शहरों में स्वच्छ हवा को प्रभावित कर रहे...

अंधश्रद्धा भक्ति

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 अंधश्रद्धा भक्ति पर प्रकाश-  श्री विष्णु जी, श्री शिव जी, श्री देवी दुर्गा माता जी ,श्री गणेश जी ,श्री लक्ष्मी जी, श्री पार्वती जी, तथा अन्य लोक प्रसिद्ध देवी- देवताओं की मूर्तियों की पूजा यानी उनको प्रतिदिन स्नान करवाना, नए वस्त्र पहनाना, तिलक लगाना, उन पर फूल चढ़ाना ,अच्छा भोजन बनाकर उनके मुख को भोजन लगाकर भोजन खाने की प्रार्थना करना । दूध पिलाना, अगरबत्ती व ज्योति जलाकर उनकी आरती उतारना। उनसे अपने परिवार में सुख- शांति,  समृद्धि के लिए प्रार्थना करना। नौकरी- रोजगार ,संतान व धन प्राप्ति के लिए अर्ज करना आदि आदि तथा शिवजी के लिंक (प्राइवेट पार्ट) यानि गुप्तांग की पूजा करना। उस लिंक पर दूध डालना उसके ऊपर तांबे या पीतल का स्टैंड रखकर तांबे या पीतल का घड़ा  (छोटी टोकनी) के नीचे तली में बारीक छेद करके पानी से भरकर रखना जिससे लगातार लिंग के ऊपर शीतल जल की धारा गिरती रहती हैं।यह मूर्ति पूजा है। श्रीमद भगवत गीता के अध्याय 16 श्लोक 23- 24 में स्पष्ट निर्देश है कि जो साधक शास्त्रों में वर्णित भक्ति की क्रियाओं के अतिरिक्त साधना व क्रियाएं करते हैं उनको ना सुख की प्राप्ति हो...

जीव हत्या पाप है

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मास खाना महापाप है यह अल्लाह का आदेश नहीं है जो कच्चा मांस खाता है जो मनुष्य द्वारा पक्का हुआ किसी भी प्राणी की हत्या करो परमात्मा सब का हिसाब लेता है।  भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने का आदेश दिया ना कि हमें मांस मिट्टी खाने का यह प्रमाण पवित्र बाइबल में लिखा हुआ है। देवता भी मनुष्य जीवन को तरसते हैं क्योंकि मोक्ष मनुष्य जीवन में ही हो सकता है। और परमात्मा का विधान है कोई भी मांस खाने वाला मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकता और आप इस अनमोल जीवन को मांस खाने में बर्बाद कर रहे हो।

सच्चा सतगुरु

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सच्चा सतगुरु वह है जो हमारे सभी धर्मों के सद ग्रंथ से प्रमाणित ज्ञान व सत भक्ति देखकर जन्म मृत्यु से छुटकारा दिला दे सतभक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं। आज तक किसी भी संत ने यह नहीं बताया कि श्रीमद भगवत गीता जी का ज्ञान काल ब्रह्म ने श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था यह भेद केवल संत रामपाल जी महाराज ने ही प्रमाण सहित बताया है। सच्चा सतगुरु वही है जिसके द्वारा बताई गई भक्ति विधि प्रमाणित हो शास्त्र प्रमाणित भक्ति पूरे विश्व में केवल रामपाल जी महाराज के पास ही है।